Jio Financial Services क्या भविष्य का जैकपॉट शेयर सिद्ध होगा?

Jio Financial Services जो JIOFIN के सिंबल से स्टॉक मार्केट में रजिस्टर्ड हुई है, आजकल निवेशकों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है। चर्चा यह है की क्या JIOFIN, एनबीएफसी सेक्टर के लिए जियो मूमेंट ( जैसे Jio के आगमन ने टेलीकॉम सेक्टर को तितर-बितर किया और हमेशा के लिए बदल दिया) तो नहीं सिद्ध होगा!

आज इस आर्टिकल में मैंने Jio Financial Services के रिलायंस से डिमर्ज होने ,Jio Financial Services के निफ्टी का 51 वां शेयर बनने, Jio Financial Services निफ्टी से कब बाहर होंगा, Jio Financial Services के संभावित भविष्य के बारे में चर्चा की है।

Jio Financial Services

Jio Financial Services का रिलायंस से डिमर्जर

सितंबर 2022 में रिलायंस ने यह कहकर लोगों को चौंका दिया कि वह अपने Digital Fintech Business को Demerge करना चाहती है क्योंकि निवेशकों को उम्मीद थी कि रिलायंस पहले अपने रिटेल या जियो को DEMERGE करेगी. मई माह में इसकी शेयर होल्डर्स से सहमति भी ले ली गई। परिणामस्वरूप Reliance Strategic Investment Ltd. अलग हुई और इसका नया नाम Jio Financial Services रखा गया। जून में NCLT ने इसको अपनी अंतिम सहमति दी थी।

Jio Financial Services की प्राइस डिस्कवरी

रिलायंस ने यह घोषणा की कि रिलायंस के प्रत्येक 1 शेयर के बदले जियो फाइनेंसियल सर्विसेज का एक शेयर मिलेगा। जियो फाइनेंसियल सर्विसेज की प्राइस डिस्कवरी के लिए रिलायंस की स्पेशल ओपन सेशन के बाद ट्रेडेड वैल्यू को 2580 से घटा कर प्राप्त की गई ( 2580 रुपए पिछले दिन रिलायंस का का Closing Price था) इस प्रकार जियो फाइनेंसियल सर्विसेज का प्राइस 261.85 निकल कर आया।

यह प्रक्रिया कई मामलों में खास थी। जियो फाइनेंसियल सर्विसेज तुरंत निफ्टी और सेंसेक्स का पार्ट बन गया। जियो फाइनेंसियल सर्विसेज में तुरंत ट्रेडिंग शुरू नही हुई, यह इसकी लिस्टिंग की डेट से शुरू होनी थी, जो बाद में 21 अगस्त तय हुई।

Jio Financial Services का बाद में क्या होना है?

जियो फाइनेंसियल सर्विसेज की लिस्टिंग के तीन दिन बाद यह NIFTY और SENSEX का हिस्सा नहीं रहनी थी परंतु यदि यह दो दिन लगातार सर्किट ( Upper या Lower) पर बंद हो तो यह अवधि तीन दिन तक बढ़ जाएगी (जैसा कि हुआ भी)

Jio Financial Services में लोग इतने EXCITED क्यों हैं?

जियो फाइनेंसियल सर्विसेज में लोगों के एक्साईटमेंट के मुख्यत: तीन कारण बताए जा सकते है-

  • पहला, जियो फाइनेंसियल सर्विसेज के प्रमोटर अर्थात अंबानी परिवार की बिजनेस Disruptor की छवि; जैसा उन्होंने रिफाइनरी, टेलीकॉम और रिटेल में किया, लोगों को उम्मीद है जियो फाइनेंसियल सर्विसेज भी अपने सेक्टर का लीडर बन कर उभरेगा।
  • दूसरा, जियो फाइनेंसियल सर्विसेज के मैनेजमेंट में ऐसे चेहरों को शामिल किया गया है जो फाइनेंशियल सेक्टर में बड़े नाम रहें है और विश्वास जागते हैं की ये कंपनी को नई ऊंचाई पर ले जायेंगे। आईसीआईसीआई के MR. KAMATH ऐसा ही नाम हैं।
  • तीसरा कारण है रिलायंस का बड़ा कस्टमर बेस। रिलायंस के पास रिटेल और जियो के बदौलत कस्टमर का बड़ा आधार है जिसका प्रयोग यह ग्रोथ में कर सकती है।

Jio Financial Services में भावी संभावनाएं

भविष्य में जियो फाइनेंसियल सर्विसेज में का क्या होगा इसके लिए पहले कुछ महत्वपूर्ण तथ्य जान लेना अति आवश्यक है-

  • जियो फाइनेंसियल सर्विसेज के पास रिलायंस के 6.1% शेयर हैं (जो इसे 2000 में MERGER के फलस्वरूप मिले थे।)
  • लिस्टिंग के बाद जियो फाइनेंसियल सर्विसेज का मार्केट कैप 1,08,597 करोड़ का था ( Axis Securities के अनुसार जो रिलायंस के 6.1% शेयर का मूल्य है) मार्केट कैप के हिसाब से जियो फाइनेंसियल सर्विसेज लिस्टिंग के बाद तीसरे नंबर की NBFC बन गई है। (बजाज फाइनेंस और बजाज फिनसर्व के बाद)
  • जियो फाइनेंसियल सर्विसेज का मार्केट कैप फिलहाल निफ्टी की 9 कंपनियों से अधिक है। ( Upl, Heromoto, Appolo hospital जैसे)
  • जियो फाइनेंसियल सर्विसेज के मैनेजमेंट में K.V. KAMATH और हितेश सेठिया जैसे आईसीआईसीआई के पूर्व दिग्गज शामिल है और इन सबसे ऊपर रिलायंस जैसा पैरेंट।
  • जियो फाइनेंसियल सर्विसेज ने ब्लैकरॉक जो की दुनिया की दिग्गज एसेट मैनेजमेंट कंपनी है, से टाई अप किया है जो इसकी भविष्य की योजनाओं को दर्शाता है।
  • जियो फाइनेंसियल सर्विसेज की भावी योजनाओं के बार में हमें 28 अगस्त 2023 को होने वाली AGM में आधिकारिक तौर पर पता चलेगा। परंतु जानकारों के अनुसार जियो फाइनेंसियल सर्विसेज शुरुआत में शायद कंज्यूमर लैंडिंग और एसेट मैनेजमेंट पर फोकस करे। कंज्यूमर लैंडिंग शायद इसके लिए LOW HANGING FRUIT हो क्योंकि रिलायंस रिटेल की बदौलत इसके पास तगड़ी रीच है। ब्लैकरॉक से टाई अप इसके एसेट मैनेजमेंट में इंट्रेस्ट को दर्शाता है।
  • रिलायंस जैसे पैरेंट के कारण इसके लिए अपनी भावी योजनाओं के लिए कभी भी पैसा उठाना कठिन नही होगा, दूसरी बात रेगुलेटरी नियमों के कारण शायद भविष्य में इसे अपनी रिलायंस की होल्डिंग बेचनी पड़े जिससे इसको कैश की प्रॉब्लम न आए।
  • RBI के अनुसार NBFC के लिए कैपिटल एडिक्विसी रेश्यो 15% है अर्थात जियो फाइनेंसियल सर्विसेज लगभग अपने रिजर्व का 6.6 गुना लीवरेज कर सकता है (लगभग 6.6 ट्रिलियन)

तो फिर Jio Financial Services लगातार लोअर सर्किट पर क्यों है?

जो ऊपर विवरण दिया गया है वो तो भविष्य की उम्मीदें है अभी जियो फाइनेंसियल सर्विसेज के पास कोई आधारभूत मौजूदा कारोबार नहीं है। अब आते हैं वर्तमान में जो शेयर के भाव के लिए सबसे बड़ी चुनौती है।

चूंकि जियो फाइनेंसियल सर्विसेज को शीघ्र ही निफ्टी और सेंसेक्स से बाहर होना है इसलिए इंडेक्स बेस्ड पैसिव फंड (ETF) की सेलिंग होनी है. NUVAMA ब्रोकरेज के अनुसार निफ्टी आधारित ETF लगभग 90 मिलियन शेयर और सेंसेक्स आधारित ETF लगभग 55 मिलियन शेयर बेच सकते हैं (Compulsive Selling) इतनी बड़ी सेलिंग के सामने यदि कोई बड़ा लेनदार नहीं आया तो शेयर के भाव पर दबाव बना रहेगा।

जियो फाइनेंसियल सर्विसेज के मूल्यांकन के लिए कोई इस समय निश्चित कारोबार नहीं है, अभी उसके पास मुख्य रूप से रिलायंस के 6.1% शेयर है उसी के आधार पर उसका मूल्यांकन किया जा सकता है, इस आधार पर इसकी बुक वैल्यू 200 के करीब आती है। 28 अगस्त की AGM के बाद शायद इस कंपनी के आगे का रोडमैप तय हो और उसी आधार पर विश्लेषक और बाजार तय करेगा कि इसको क्या मल्टीपल देना है।

निष्कर्ष

ऊपर के सारे लेख का सारांश ये है कि JFS IS TOO BIG TO IGNORE

फाइनेंशियल सर्विसेज सेक्टर बूमिंग सेक्टर है, जैसे-जैसे भारत का मिडिल क्लास बढ़ रहा है और सेविंग का फॉर्मलाइजेशन हो रहा है इस सेक्टर में अपार संभावनाएं है। डिजिटल क्रांति ने टियर-2 टियर-3 सिटी तक फाइनेंशियल सर्विसेज की पहुंच आसान बना दी है और रिलायंस जियो खुद इस क्रांति का वाहक रही है, तो विस्तार सरल होगा। लेकिन ये भी ध्यान रखना चाहिए की फाइनेंशियल सेक्टर टेलीकॉम नहीं है। इसमें नियमन कड़े है और कंपटीशन तगड़ा है। जियो फाइनेंसियल सर्विसेज को न केवल बजाज फाइनेंस, आईडीएफसी फर्स्ट जैसों से जूझना है बल्कि एचडीएफ़सी और आईसीआईसीआई जैसी WELL ESTABLISHED GROUP COMPANIES से भी संघर्ष करना पड़ेगा।

अंततः ये कह सकते हैं कि जियो फाइनेंसियल सर्विसेज फिलहाल वॉच लिस्ट में रखने वाला शेयर है, इसको इग्नोर नहीं किया जा सकता है। उम्मीद है 28 अगस्त 2023 को जियो फाइनेंसियल सर्विसेज की प्रस्तावित मीटिंग इसके बारे में बाजार में और स्पष्टता लाएगी। बाकी जो लोग केवल स्टारकास्ट देखकर फर्स्ट डे फर्स्ट शो देखने जाते है वो इसमें निवेश कर ही रहें हैं।

डिस्‍क्‍लेमर: ये लेख कोई निवेश सलाह नही है बस Jio Financial Services में के बारे में एक सामान्य जानकारी है और न ही लेखक कोई वित्तीय एक्सपर्ट है

FAQ

Q. जियो फाइनेंसियल सर्विसेज कितने में लिस्ट हुआ था?

Ans. 262.05 रुपए

Q. जियो फाइनेंसियल सर्विसेज के पास रिलायंस की कितनी हिस्सेदारी है?

Ans. 6.1%

Q. जियो फाइनेंसियल सर्विसेज की बुक वैल्यू कितनी है?

Ans. लगभग 200/- रुपए

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