Insurance Policies To Be Available In Demat Form: बीमा पॉलिसी डीमैट खाते में ही आएगी?

हमारे देश में Insurance Policies(बीमा पॉलिसी) को अभी तक एक कागजी दस्तावेज के रूप में रखने का प्रचलन रहा है,जल्द ही बीमा पॉलिसियों को दस्तावेज के रूप में रखने का प्रचलन समाप्त हो सकता है.प्राप्त खबर के अनुसार दिसंबर के बाद जो भी नई पॉलिसी आएगी वह डिमैट खाते में ही आएगी.1 नवंबर 2022 से बीमा पॉलिसी में ई-केवाईसी भी अनिवार्य हो जाएगी.

बीमा धारकों को 1 साल के भीतर अपनी पुरानी बीमा पॉलिसी को भी डीमैट के रूप में बदलना पड़ेगा. बीमा नियामक संस्था इरडा (Insurance Regulatory and Development Authority of India) ने इसकी मंजूरी प्रदान कर दी है.

इरडा के  गाइड लाइन में कहां गया है की यह नई व्यवस्था स्वास्थ्य बीमा,वाहन बीमा के साथ-साथ जीवन बीमा पर भी लागू होगी.एक अनुमान के अनुसार वर्तमान समय में अपने देश में 50 करोड़ से ज्यादा बीमा पॉलिसीयां मौजूद हैं जिन्हें डीमैट फॉर्मेट में बदलने की आवश्यकता होगी.

बीमा पॉलिसियों को डिमैटेरियलाइज्ड करने के निम्नलिखित फायदे होंगे-

  • डिमैटेरियलाइजेशन के बाद बीमा पॉलिसियों के नवीनीकरण के समय कागजी कार्रवाई की आवश्यकता नहीं होगी.
  • डिमैटेरियलाइजेशन के पश्चात लेनदेन लागत कम करने में मदद मिलेगी और नीतियों में तेजी से संशोधन सुनिश्चित किया जा सकेगा.
  • डिमैटेरियलाइजेशन होने के बाद संपूर्ण विवरण डिजिटल रूप में उपलब्ध होगा जिससे कहीं भी और कभी भी ग्राहक अपनी पॉलिसी का विवरण देख  पाएंगे.
  • डिमैटेरियलाइजेशन के फलस्वरुप पॉलिसी को दस्तावेज के रूप में संभाल कर रखने की मुश्किलों से छुटकारा मिल सकेगा अब पॉलिसी खोने और फटने का डर नहीं रहेगा.
  • डिमैटेरियलाइजेशन होना इको फ्रेंडली भी है क्योंकि इससे कागज की काफी बचत होगी साथ ही साथ समय की भी बचत होगी जोकि खर्च बचाने में कारगर सिद्ध होंगे.

बीमा संबंधी सभी सुविधाएं एक मंच पर होंगी-

बीमा नियामक संस्था इरडा ने एक अहम फैसले के तहत बीमा पॉलिसी की बिक्री,बीमा संबंधित सेवा और बीमा संबंधित दावों के लिए एक नया मंच स्थापित करने का प्रस्ताव दिया है. यह सुविधा भी इसी साल दिसंबर तक उपलब्ध होने की संभावना व्यक्त की गई है. इरडा का यह फैसला बीमा क्षेत्र में क्रांतिकारी कदम साबित हो सकता है.

वर्तमान समय में शेयर्स और म्यूचुअल फंड डीमैट अकाउंट में आते हैं अब इसका दायरा बढ़ रहा है और आने वाले समय में बीमा पॉलिसी भी डीमैट के दायरे में आ जाएंगे.जैसे-जैसे डिजिटल लेन-देन बढ़ेगा वैसे-वैसे हैकिंग के खतरे भी बढ़ते जाएंगे.ग्राहकों को अतिरिक्त सावधानी बरतने और जागरूक रहने की जरूरत पड़ेगी.

डीमैट खाते की सुरक्षा कैसे करें-

जिन ग्राहकों के पास डीमैट अकाउंट पहले से है उन्हें सबसे पहले अपने डीमैट खाते से जुड़े हर अपडेट को पाने के लिए एस.एम.एस. की सुविधा जरूर ले लेनी चाहिए ,इससे आपको अपने सभी लेनदेन की जानकारी समय पर मिलती रहेगी. ग्राहकों को समय-समय पर अपने डीमैट खाते का विवरण देखते रहना चाहिए.अगर संभव हो तो नियमित अंतराल पर पासवर्ड भी बदलते रहना चाहिए और अपने पासवर्ड को किसी के साझा नहीं करना चाहिए.इससे आप अपने डीमैट अकाउंट को हैक होने से बचा सकते हैं.

क्या है डीमैट खाता-

जब कोई निवेशक किसी स्टॉक या सिक्योरिटीज हो खरीदता है, तो खरीदने के बाद यह स्टॉक या सिक्योरिटीज इलेक्ट्रॉनिक रूप में जिस खाते में रखे जाते है उसे डीमैट खाता कहते हैं..

देश में डीमैट खाते दो डिपॉजिटरीज के द्वारा ओपन किए जाते हैं.

  • पहला एन.एस.डी.एल. के द्वारा
  • दूसरा सी.डी.एस.एल. के द्वारा

आपका ब्रोकर कोई भी हो सकता है लेकिन आपका ब्रोकर इन्हीं दोनों डिपॉजिटरीज में से किसी एक के साथ आपका डीमैट अकाउंट ओपन करता है. उदाहरण के लिए;जीरोधा अपने क्लाइंट का डिमैट अकाउंट सीडीएसएल के साथ में ओपन करता है.

तो बिना देर किए आने वाले समय की तैयारी अभी से कर लीजिए.अगर आपने अभी तक अपना डीमैट अकाउंट ओपन नहीं कराया है तो नीचे कुछ ब्रोकर्स के लिंक दिए हुए हैं, उस लिंक पर क्लिक करके आप सीधे अकाउंट ओपन की प्रोसेस वाले पेज पर पहुंच जाएंगे और अपने आधार एवं पैन कार्ड द्वारा अपना डीमैट अकाउंट आसानी से 15 मिनट में ओपेन कर पाएंगे.

FAQ

Q. बीमा पॉलिसी में ई-केवाईसी कब सेअनिवार्य हो जाएगी?

ANS-1 नवंबर 2022 से बीमा पॉलिसी में ई-केवाईसी अनिवार्य हो जाएगी.

Q.IRDAI( इरडा) का फुल फॉर्म क्या है?

ANS-IRDAI ( इरडा ) का फुल फॉर्म ‘Insurance Regulatory and Development Authority of India’ है.

Q.बीमा पॉलिसी के कब से डीमैट खाते में आने की संभावना है?

ANS-दिसम्बर 2022 के बाद से बीमा पॉलिसी के डीमैट खाते में आने की संभावना है.

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