भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने 30 मई 2025 को इक्विटी डेरिवेटिव्स (F&O) मार्केट के लिए कई नए नियमों की घोषणा की है। इनका उद्देश्य बाजार में पारदर्शिता बढ़ाना, जोखिम प्रबंधन को मजबूत करना और अत्यधिक सट्टेबाज़ी को नियंत्रित करना है। अगर आप ट्रेडिंग करते हैं या F&O में दिलचस्पी रखते हैं, तो यह जानना आपके लिए बेहद जरूरी है कि ये बदलाव क्या हैं और इनका सीधा असर कैसे पड़ेगा आपके पैसों पर।
सबसे बड़े बदलाव: क्या-क्या नया हुआ है?
1. FutEq Method से OI (Open Interest) की नई गणना
अब SEBI ने ओपन इंटरेस्ट को “Futures Equivalent” (FutEq) के ज़रिए मापने का फैसला लिया है।
👉 पहले जो गणना नॉशनल वैल्यू पर होती थी, वह अब डेल्टा-आधारित होगी, जिससे ज्यादा रियल और ट्रैक करने योग्य आंकड़े मिलेंगे।
फायदा:
- F&O बैन की फालतू की घोषणाएं कम होंगी
- मार्केट ज्यादा ट्रांसपेरेंट और संतुलित होगा
2. MWPL (Market Wide Position Limit) की नई परिभाषा
अब किसी स्टॉक में कितनी F&O ट्रेडिंग हो सकती है, ये तय होगा इसके free-float market cap के 15% या औसत डिलीवरी वैल्यू के 65 गुना के आधार पर — जो भी कम हो।
मतलब: अब कोई भी स्टॉक F&O में तभी आएगा जब उसकी कैश मार्केट में असली पकड़ और तरलता हो।
फायदा: सट्टेबाज़ों को रोककर सिर्फ मजबूत शेयरों को जगह मिलेगी।
3. Index Options में Limit 10 गुना बढ़ाई
अब एक निवेशक की इंडेक्स ऑप्शन में Net End-of-Day Limit ₹1,500 करोड़ और Gross Limit ₹10,000 करोड़ तक होगी।
मतलब:
- जिनके पास अनुभव और रिस्क लेने की ताकत है, उन्हें मिलेगी ज्यादा छूट
- Market depth बढ़ेगी, liquidity भी मजबूत होगी
4. F&O बैन का मतलब अब और सख्त
अगर कोई स्टॉक बैन में चला गया, तो उस पर किया गया कोई भी नया दांव माना जाएगा non-compliant (SEBI की नजर में गड़बड़)।
👉 यहां तक कि अगर आपने अपनी पोजीशन स्ट्रक्चर बदली, फिर भी डेल्टा एक्सपोजर बढ़ा तो गड़बड़ मानी जाएगी।
5. अब Tuesday या Thursday को ही होगी Expiry
SEBI ने सप्ताह में केवल दो दिन को F&O expiry के लिए फिक्स किया है — Tuesday और Thursday।
फायदा:
- बार-बार expiry की वजह से होने वाले उतार-चढ़ाव कम होंगे
- बाजार में स्थिरता और निवेशकों का भरोसा बढ़ेगा
6. Derivatives के लिए Pre-Opening Session
अब 6 दिसंबर 2025 से F&O contracts के लिए भी प्री-ओपनिंग सेशन शुरू किया जाएगा। इससे होगा:
- बेहतर price discovery
- ज्यादा orderly rollovers
- कम gap-up/gap-down का खतरा
नए नियम कब से लागू होंगे?
नियम | प्रभावी तारीख |
---|---|
Index Option Limit | 1 जुलाई 2025 |
Tuesday/Thursday Expiry | 15 जून 2025 |
Pre-Opening Session | 6 दिसंबर 2025 |
छोटे निवेशकों को क्या फायदा?
- पहले जहां बड़े खिलाड़ी manipulation कर पाते थे, अब उन्हें ज़्यादा पारदर्शिता के दायरे में रहना होगा।
- छोटे निवेशकों के लिए यह मौका है कि वे कम रिस्क और ज्यादा पारदर्शिता वाले माहौल में निवेश करें।
- साथ ही, F&O से कमाई के लिए अब सिर्फ सट्टेबाज़ी नहीं, सही रणनीति और समझ जरूरी होगी।
Bottom Line:
SEBI का नया सिस्टम कहता है – अब ट्रेडिंग आसान नहीं, जिम्मेदारी के साथ करनी होगी।
अगर आप F&O में हाथ आजमाना चाहते हैं, तो ये नियम आपको गहराई से समझने होंगे। जल्दबाज़ी में ट्रेड करना अब पहले से ज़्यादा जोखिम भरा हो सकता है।
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