Mutual Fund निवेशकों के लिए एक बड़ा अपडेट सामने आया है। अब आपको अपने फेवरेट Bluechip Fund या Core Equity Fund जैसे नामों के बजाय नए और अधिक स्पष्ट नामों से स्कीमें दिखाई देंगी। SEBI (Securities and Exchange Board of India) के निर्देश पर Mutual Fund Houses ने अपनी Equity-oriented schemes के नामों में बड़े पैमाने पर बदलाव करना शुरू कर दिया है।
बदलाव क्यों हो रहा है?
SEBI ने 27 मार्च 2025 को एक सर्कुलर जारी करते हुए सभी फंड हाउसों को यह निर्देश दिया था कि वे अपनी स्कीमों के नाम संबंधित category के साथ सुसंगत (consistent) बनाएं ताकि mis-selling को रोका जा सके और निवेशकों को स्कीम की nature बेहतर समझ आ सके।
समयसीमा: जून 2025 तक बदलाव अनिवार्य
जैसे-जैसे जून का अंत नजदीक आ रहा है, अधिकतर AMCs (Asset Management Companies) ने अपने स्कीम नामों को पहले से ही अपडेट कर दिया है। नामों में यह बदलाव न सिर्फ transparency बढ़ाता है बल्कि स्कीम को उसके असली स्वरूप (true-to-label) के अनुसार दर्शाता है।
किन स्कीमों के नाम बदले गए हैं?
Bluechip Funds → Large Cap Funds:
- Axis Bluechip Fund → Axis Large Cap Fund
- ICICI Prudential Bluechip Fund → ICICI Prudential Large Cap Fund
- Canara Robeco Bluechip Equity Fund → Canara Robeco Large Cap Fund
Core Equity / Growth Opportunities → Large & Mid Cap Funds:
- Bandhan Core Equity Fund → Bandhan Large & Mid Cap Fund
- Axis Growth Opportunities Fund → Axis Large & Mid Cap Fund
- Canara Robeco Emerging Equities → Canara Robeco Large & Mid Cap Fund
- DSP Equity Opportunities Fund → DSP Large & Mid Cap Fund
सबसे ज़्यादा बदलाव Large & Mid Cap कैटेगरी में
Mutual Fund industry में यह देखा गया है कि सबसे अधिक बदलाव Large & Mid Cap Category में हुए हैं। कई पुरानी स्कीमों को अब इस कैटेगरी में rename किया जा रहा है ताकि स्कीम के नाम और उसके actual निवेश उद्देश्य के बीच कोई confusion न रहे।
SEBI का उद्देश्य: “True to Label” और पारदर्शिता
SEBI के Executive Director मनोज कुमार ने हाल ही में एक industry event में कहा कि:
“हम Mutual Fund scheme categorization को और भी बेहतर बना रहे हैं ताकि निवेशकों के लिए सभी स्कीमें सरल और स्पष्ट रहें। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि स्कीमें अपने नाम के अनुरूप हों और कोई Mis-selling न हो।”
निवेशकों के लिए क्या मतलब है?
- पुराने नामों से परिचित निवेशकों को शुरुआती भ्रम हो सकता है, लेकिन नए नाम स्कीम की सही category को reflect करेंगे।
- SEBI के इस कदम से long-term में investors को स्कीम चुनने में clarity और confidence मिलेगा।
- आपको अपने Mutual Fund statement या app में अब अपडेटेड नाम नजर आएंगे।
निष्कर्ष:
SEBI के इस renaming initiative से Mutual Fund ecosystem में एकरूपता (uniformity) और पारदर्शिता (transparency) आएगी। निवेशकों को अब स्कीम का नाम देखकर ही यह समझ आ सकेगा कि वह किस category में आता है — जिससे informed decision-making संभव होगी।
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