कभी Mutual Fund इंडस्ट्री का उभरता सितारा रहे Quant Mutual Fund की कहानी किसी फिल्मी स्क्रिप्ट से कम नहीं है। 2020-21 में जब पूरी दुनिया COVID-19 से जूझ रही थी, उस वक्त Quant के फंड्स ने जबरदस्त रिटर्न्स दिए। लेकिन 2024-25 में हालात इतने बदल गए कि SEBI ने रेड मारी, फंड्स में भारी आउटफ्लो हुआ, और परफॉर्मेंस बेंचमार्क से भी नीचे चली गई।
इस लेख में जानिए Quant Mutual Fund की पूरी कहानी — उसकी चढ़ाई, गिरावट और मौजूदा हालात।
1. Quant की Meteoric Rise: जब ₹1000 की SIP बन गई ₹1.2 लाख
2020 में COVID के बाद, Quant के Small Cap Fund ने निवेशकों को 1156% तक रिटर्न्स दिए। इतना जबरदस्त रिटर्न किसी भी AMC के लिए game-changer होता है।
- उदाहरण: अगर आपने मार्च 2020 में ₹1000 की SIP शुरू की होती, तो आज उसकी वैल्यू ₹1.2 लाख से ज्यादा होती।
- इसने Quant को Mutual Fund इंडस्ट्री का “poster boy” बना दिया।
2. पास्ट रिटर्न्स का जाल: लोगों ने सब कुछ दांव पर लगा दिया
भारत में अब भी बहुत से निवेशक सिर्फ past returns देखकर निवेश करते हैं। Quant की परफॉर्मेंस ने निवेशकों को इतना प्रभावित किया कि कई लोगों ने अपना पूरा पोर्टफोलियो ही Quant के फंड्स में लगा दिया — खासकर Quant Small Cap Fund में।
3. SEBI की रेड और फ्रंट-रनिंग केस
24 जून 2024 को SEBI ने Quant Mutual Fund के ऑफिस पर रेड मारी। फ्रंट-रनिंग के आरोपों के चलते यह बड़ी कार्रवाई थी।
- सिर्फ 3 दिनों में ₹1,400 करोड़ का फंड आउटफ्लो हुआ।
- इस घटना ने निवेशकों में डर पैदा कर दिया और फंड पर विश्वास कम हुआ।
4. स्ट्रैटेजी में बदलाव: Momentum से Buy & Hold की ओर
Quant पहले momentum-based investing करता था, जहां हर महीने टॉप होल्डिंग्स बदलती थीं। लेकिन अब उन्होंने Buy & Hold रणनीति अपनाई है।
- 2020 में हर महीने टॉप होल्डिंग बदलती थी (जैसे Strides, AstraZeneca, Laurus Labs)
- लेकिन 2022 में ITC और 2023 में Reliance लगातार टॉप होल्डिंग बनी रही — जो कि small caps नहीं, बल्कि large caps हैं।
5. Small Cap Fund या Multi-Cap Fund?
Quant Small Cap Fund धीरे-धीरे multi-cap जैसे व्यवहार करने लगा है।
- मार्च 2024 में फंड में 28% large cap और 65% small cap स्टॉक्स थे।
- इससे निवेशकों में भ्रम पैदा हुआ क्योंकि वे small caps की growth चाहते थे।
6. फंड मैनेजर्स का बड़ा उलटफेर
फरवरी 2025 में प्रमुख फंड मैनेजर वसव सेगल ने इस्तीफा दे दिया। इसके बाद:
- कंपनी ने एक की जगह 7 नए फंड मैनेजर्स नियुक्त किए।
- खुद CEO संदीप टंडन भी अब फंड मैनेजमेंट में एक्टिव हो गए हैं।
- इतनी ज्यादा frequent बदलाव से निवेशकों का भरोसा डगमगाया।
7. Underperformance: बेंचमार्क से भी नीचे
2023 और 2024 में Quant के लगभग सभी फंड्स बेंचमार्क से पीछे रहे।
- कई स्कीम्स ने तो negative returns भी दिए।
- जो निवेशक केवल past performance के भरोसे आए थे, वे अब stuck हो चुके हैं।
8. ‘Risk-On’ vs ‘Risk-Off’ की थ्योरी
Founder संदीप टंडन का कहना है कि:
“भारतीय बाजार फिलहाल Risk-Off फेज में है, यानी लोग ज्यादा रिस्क लेने से बच रहे हैं, इसलिए Small Caps underperform कर रहे हैं।”
उनका दावा है कि जब बाजार फिर से ‘Risk-On’ मोड में आएगा, Quant फिर से अच्छा प्रदर्शन करेगा।
9. सबक: Past Returns से भ्रमित न हों
इस पूरे प्रकरण से हमें कुछ अहम बातें सीखनी चाहिए:
- Past performance future guarantee नहीं होती।
- केवल एक AMC पर भरोसा करना बहुत बड़ा रिस्क है।
- अपने पोर्टफोलियो को multi-AMC में diversify करना चाहिए।
10. निवेशकों के लिए सलाह:
अगर आप Quant Fund में निवेश किए हुए हैं:
✅ हर महीने उनकी Fact Sheet ज़रूर पढ़ें
✅ देखें कि holdings में बदलाव हो रहे हैं या नहीं
✅ SEBI की final investigation रिपोर्ट का इंतजार करें
✅ जरूरत पड़े तो SIP को pause या redirect करें
✅ दूसरे AMC के funds में धीरे-धीरे shift करें
निष्कर्ष: बुल मार्केट में हर कोई स्टार बनता है, रियल टेस्ट बेयर मार्केट में होता है
Quant Mutual Fund की कहानी बताती है कि Mutual Fund चुनते समय सिर्फ high returns ही नहीं, बल्कि consistency, transparency और trust सबसे महत्वपूर्ण हैं। हर bull run में एक नया स्टार आता है, लेकिन सच्चा हीरो वही होता है जो हर market phase में टिके।

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