भारतीय म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री तेजी से विकसित हो रही है, लेकिन Passive Investing अब तक ज्यादा लोकप्रिय नहीं हो पाया है। हालांकि, Jio BlackRock की एंट्री से इस सेगमेंट में बड़ी हलचल मचने की संभावना है। इस लेख में जानिए कि Passive Investing क्या है, अमेरिका की तुलना में भारत कहां खड़ा है, और कैसे Jio BlackRock इस बाजार को बदल सकता है।
भारत में Passive Investing की स्थिति
- FY25 के अंत तक, भारत में कुल AUM (Assets Under Management) ₹66 ट्रिलियन तक पहुंच चुका है।
- लेकिन इसमें Passive Funds का हिस्सा मात्र 17% है।
- इसके मुकाबले अमेरिका में Passive Investing का हिस्सा 59% है, और वहां के निवेशकों का $23 ट्रिलियन का निवेश Passive Equity में है।
यह अंतर दर्शाता है कि भारत में Passive Investing अभी शुरुआती चरण में है और इसमें बहुत संभावनाएं हैं।
Passive Funds या Index Funds क्यों लोकप्रिय हो रहे हैं?
1. स्टॉक पिकिंग की जिम्मेदारी एक्सचेंज की होती है
- Index Funds उस इंडेक्स को ट्रैक करते हैं जिसमें एक्सचेंज खुद खराब प्रदर्शन करने वाले शेयरों को हटा देता है और बेहतर प्रदर्शन करने वालों को जोड़ता है।
- इससे फंड मैनेजर के व्यक्तिगत निर्णय की आवश्यकता नहीं होती।
2. लो कॉस्ट स्ट्रक्चर
- Passive Funds में रिसर्च टीम या हाई-एंड एनालिस्ट्स की जरूरत नहीं होती।
- इसलिए इनका एक्सपेंस रेशियो (Expense Ratio) काफी कम होता है — जो निवेशकों के लिए ज्यादा रिटर्न में तब्दील हो सकता है।
Jio BlackRock की एंट्री: गेम चेंजर या डिस्टर्बर?
- Jio BlackRock ने हाल ही में अपनी वेबसाइट लॉन्च की है और लीडरशिप टीम की घोषणा भी कर दी है।
- कंपनी के CEO Sid Swaminathan को बनाया गया है, जो पहले BlackRock में इंडेक्स इक्विटी फंड्स हेड रह चुके हैं।
- उनकी विशेषज्ञता को देखते हुए यह अनुमान लगाया जा रहा है कि कंपनी शुरू में Passive Index Funds पर फोकस करेगी।
क्यों Jio BlackRock हो सकता है डिस्टर्बर?
- Jio की जबरदस्त डिस्ट्रिब्यूशन नेटवर्क और BlackRock की ग्लोबल प्रोडक्ट इनोवेशन का कॉम्बिनेशन है ये साझेदारी।
- मौजूदा Asset Management कंपनियों के लिए खतरे की घंटी हो सकती है, खासकर वो जो Active Funds पर निर्भर हैं।
- यदि निवेशक Passive Funds की ओर झुकते हैं तो Active AUM में गिरावट आ सकती है।
Jio BlackRock के “कस्टमाइज़्ड इंडेक्स फंड्स” का इनोवेटिव आइडिया
Jio BlackRock सिर्फ साधारण Index Funds पर ही नहीं, बल्कि उससे एक कदम आगे जाने की योजना बना रहा है।
उदाहरण:
- मान लीजिए कोई निवेशक Indian Pharma सेक्टर पर bullish है, लेकिन वो US FDA जैसी एजेंसियों की वजह से आने वाली अस्थिरता से बचना चाहता है।
- ऐसे में वह सिर्फ Hospital और Diagnostic कंपनियों वाला इंडेक्स चुन सकता है — Lupin, Dr. Reddy’s जैसे Volatile शेयरों को हटाकर।
दूसरा उदाहरण:
- यदि कोई मानता है कि Passenger Car कंपनियां (जैसे Maruti Suzuki, Hyundai India) दो-पहिया कंपनियों से बेहतर प्रदर्शन करेंगी, तो वो सिर्फ कार कंपनियों पर आधारित कस्टम Index Fund चुन सकता है।
ऐसे Highly Specific ETFs या Index Funds से निवेशक को टारगेटेड एक्सपोजर मिलेगा — जो पारंपरिक इंडेक्स से अधिक आकर्षक हो सकता है।
निष्कर्ष: क्या Passive Investing का समय आ गया?
- भारत में Passive Funds अभी छोटे स्तर पर हैं लेकिन Jio BlackRock जैसे खिलाड़ी इस सेगमेंट को मुख्यधारा में ला सकते हैं।
- कम लागत, बेहतर ट्रैकिंग और स्मार्ट कस्टमाइजेशन जैसे फीचर्स की वजह से Passive Investing आने वाले समय में तेजी से बढ़ सकता है।
- निवेशकों को चाहिए कि वे इस बदलाव पर नजर रखें और समय के साथ अपने पोर्टफोलियो में Passive Funds को जगह देने पर विचार करें।
अंतिम सुझाव:
अगर आप Mutual Funds में कम लागत पर और लंबी अवधि के लिए निवेश करना चाहते हैं, तो Passive Index Funds एक समझदारी भरा विकल्प हो सकते हैं — खासकर जब Jio BlackRock जैसे बड़े खिलाड़ी मार्केट में इनोवेशन ला रहे हैं।
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