भारतीय Mutual Fund उद्योग में मई 2025 के महीने में खासा हलचल रही। Debt Oriented Schemes से जहाँ ₹15,908 करोड़ का नेट आउटफ्लो देखा गया, वहीं Equity Oriented Schemes में ₹19,013 करोड़ का जबरदस्त नेट इनफ्लो हुआ। आइए इस पूरे डाटा का गहराई से विश्लेषण करते हैं।
Income/Debt Oriented Schemes: ₹15,908 करोड़ का शुद्ध आउटफ्लो
मई 2025 में Debt Funds से निवेशकों ने बड़े पैमाने पर पैसे निकाले। खासतौर पर निम्नलिखित फंड्स से अधिक आउटफ्लो देखा गया:
सबसे ज्यादा आउटफ्लो वाले फंड्स:
- Liquid Fund: ₹40,206.36 करोड़ का भारी आउटफ्लो
- Overnight Fund: ₹8,120.03 करोड़ का आउटफ्लो
- Floater Fund: ₹254.06 करोड़ का आउटफ्लो
कुछ फंड्स में पॉजिटिव इनफ्लो भी:
- Money Market Fund: ₹11,223.08 करोड़ का इनफ्लो
- Short Duration Fund: ₹1,789.19 करोड़ का इनफ्लो
- Corporate Bond Fund: ₹1,028.45 करोड़ का इनफ्लो
- Gilt Fund with 10-year Constant Duration: ₹1,385.34 करोड़ का इनफ्लो
कुल स्कीमें: 323
कुल फोलियो: 71,54,986
Raised Capital: ₹9,27,581 करोड़
Redeemed Capital: ₹9,43,489 करोड़
Growth/Equity Oriented Schemes: ₹19,013 करोड़ का शुद्ध इनफ्लो
Equity Schemes ने एक बार फिर निवेशकों का भरोसा जीता है। इनमें सबसे ज्यादा इनफ्लो निम्नलिखित फंड्स में देखा गया:
टॉप इनफ्लो फंड्स:
- Small Cap Fund: ₹3,841.21 करोड़
- Flexi Cap Fund: ₹3,013.32 करोड़
- Mid Cap Fund: ₹3,306.56 करोड़
- Sectoral/Thematic Funds: ₹2,947.68 करोड़
- Multi Cap Fund: ₹2,999.29 करोड़
सबसे कम इनफ्लो:
- Dividend Yield Fund: ₹27.27 करोड़
कुल स्कीमें: 514
कुल फोलियो: 1,60,87,784
Raised Capital: ₹56,604.45 करोड़
Redeemed Capital: ₹37,591.33 करोड़
प्रमुख ट्रेंड्स और इनसाइट्स
- Debt Schemes में Liquid और Overnight Funds से लगातार आउटफ्लो देखने को मिल रहा है, जो बाजार में अनिश्चितता और ब्याज दरों के बदलाव का संकेत हो सकता है।
- Equity Schemes में Small Cap और Thematic Funds को मिल रहा इनफ्लो दिखाता है कि निवेशक उच्च जोखिम वाले, लेकिन उच्च रिटर्न वाले विकल्पों की ओर झुक रहे हैं।
- Flexi Cap Funds की लोकप्रियता यह दर्शाती है कि निवेशक फंड मैनेजरों को फ्री हैंड देना पसंद कर रहे हैं ताकि वे किसी भी मार्केट कैप में निवेश कर सकें।
निष्कर्ष
मई 2025 का महीना Debt Funds के लिए नेगेटिव और Equity Funds के लिए पॉजिटिव रहा। इस डेटा से यह स्पष्ट है कि भारतीय निवेशक बाजार की लंबी अवधि की संभावनाओं पर भरोसा करते हुए Equity में निवेश बढ़ा रहे हैं, जबकि Debt Funds से पैसा निकाल रहे हैं, शायद ब्याज दरों और बाजार की अस्थिरता को देखते हुए।
सुझाव
- अगर आप स्थिर रिटर्न चाहते हैं तो Short Duration या Corporate Bond Funds पर ध्यान दे सकते हैं।
- लंबी अवधि के लिए Wealth Creation का लक्ष्य हो, तो Flexi Cap और Mid/Small Cap Funds अच्छे विकल्प हैं।
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