JSW Paints ने $1.4 अरब में AkzoNobel India का अधिग्रहण किया है। जानें इस डील के फायदे, टेक्नोलॉजी ट्रांसफर और भारत में पेंट मार्केट का नया समीकरण।
JSW Paints ने भारत के पेंट बाजार में बड़ी रणनीतिक चाल चलते हुए $1.4 Billion (लगभग ₹11,700 करोड़) में AkzoNobel India का अधिग्रहण कर लिया है। यह डील कंपनी को देश की टॉप 3 पेंट कंपनियों में शामिल करने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है। इस अधिग्रहण के जरिए JSW Paints को न केवल एक स्थापित ब्रांड मिलेगा बल्कि वैश्विक तकनीकी विशेषज्ञता भी हाथ लगेगी।
क्यों हुआ यह अधिग्रहण?
JSW Paints के MD Parth Jindal ने बताया कि कंपनी ने 2019 में अपने ऑपरेशन की शुरुआत की थी और 2025 तक ₹2,200 करोड़ से अधिक का राजस्व दर्ज किया। जब सितंबर 2024 में AkzoNobel ने अपनी Global Strategic Review की घोषणा की, तब JSW ने इस मौके को भांप लिया और AkzoNobel India के साथ synergy का गहन अध्ययन किया।
“हम प्रीमियम Decorative Paints सेगमेंट में तेजी से अपनी मौजूदगी बढ़ा रहे हैं। लेकिन Dulux जैसा ब्रांड पहले से ही मार्केट में मजबूत स्थिति में है। Industrial Coatings में AkzoNobel की टेक्नोलॉजी और अनुभव हमारे लिए game-changer साबित होगा,” – Parth Jindal
डील की खास बातें
- डील वैल्यू: $1.4 Billion
- सेगमेंट स्ट्रेंथ:
- AkzoNobel India की मजबूत पकड़ है Premium Decorative Segment में (Dulux ब्रांड)
- Industrial Coatings जैसे Auto Refinish, Marine Coatings और Protective Paints में भी कंपनी अग्रणी है
- JSW Paints को मिलेगी Tech Transfer और Global Expertise
क्या JSW Paints और AkzoNobel India का होगा विलय?
Parth Jindal ने कहा कि अभी यह कहना जल्दबाजी होगी। कंपनी फिलहाल दोनों को अलग-अलग रखकर synergy को unlock करने की योजना पर काम कर रही है। भविष्य में एक Reverse Merger संभव है, लेकिन यह अगले 3-4 सालों तक नहीं होगा।
प्रौद्योगिकी समझौता और रॉयल्टी स्ट्रक्चर
- Decorative segment में AkzoNobel India ने अपनी IP (Intellectual Property) JSW Paints को सौंप दी है। अब JSW Paints इस टेक्नोलॉजी की पूरी मालिक होगी और किसी तरह की रॉयल्टी नहीं देनी होगी।
- वहीं, Industrial Coatings में AkzoNobel NV दीर्घकालिक टेक्नोलॉजी पार्टनर रहेगा। इसके बदले में JSW Paints को 4.5% Technology Fee (Sales पर) चुकाना होगा।
- Powder Coatings कारोबार पर AkzoNobel का नियंत्रण बना रहेगा।
AkzoNobel NV क्यों निकली भारत से?
AkzoNobel NV के CEO Gregoire Poux-Guillaume ने स्पष्ट किया कि यह भारत से पूरी तरह बाहर निकलना नहीं है। कंपनी ने अपने Powder Coatings Business में पूर्ण स्वामित्व बनाए रखा है और भारत में एक बड़ा R&D Center भी जारी रहेगा।
“JSW के साथ साझेदारी भारत में हमारी रणनीति का हिस्सा है, क्योंकि यह मार्केट अत्यधिक लोकलाइज्ड और प्रतिस्पर्धी है। JSW के पास डिस्ट्रीब्यूशन और ब्रांड की ताकत है और हमारे पास तकनीकी विशेषज्ञता – यह एक Perfect Partnership है।”
निष्कर्ष
JSW Paints और AkzoNobel India की यह डील न केवल भारत के पेंट उद्योग में शक्ति संतुलन बदलने वाली है बल्कि यह भारतीय कंपनियों द्वारा वैश्विक ब्रांड्स के अधिग्रहण की नई मिसाल भी पेश करती है। JSW के लिए यह डील केवल एक अधिग्रहण नहीं, बल्कि Technology, Brand Value और Market Penetration को लेकर एक मजबूत रणनीतिक निवेश है।
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