Ircon International Limited, जो रेलवे कंस्ट्रक्शन सेक्टर में एक प्रमुख Navratna PSU है, का ऑर्डर बुक पिछले 3 वर्षों में 54% घटकर ₹43,758 करोड़ से ₹20,347 करोड़ पर आ गया है। यह गिरावट केवल ऑर्डर की मात्रा में नहीं, बल्कि कंपनी की रणनीति और प्रोजेक्ट मिक्स में बदलाव की भी कहानी बताती है।
Ircon की स्थापना 1976 में रेलवे निर्माण कंपनी के रूप में हुई थी और 1985 के बाद से कंपनी ने हाईवे, हाई-स्पीड रेल, सोलर प्रोजेक्ट्स आदि जैसे क्षेत्रों में भी विस्तार किया।
ट्रेडिंग अपडेट:
BSE पर 26 जून 2025 को Ircon के शेयरों में 2% की तेजी देखने को मिली और शेयर ने ₹207.1 का स्तर छू लिया। कंपनी का मार्केट कैप इस समय ₹19,106.6 करोड़ है।
हालांकि, पिछले 1 साल में यह स्टॉक लगभग 25% निगेटिव रिटर्न दे चुका है, जबकि पिछले 1 महीने में इसमें 8% की रिकवरी देखने को मिली है।
Order Book का डिकेड-वाइज ट्रेंड:
FY15 से FY22 – निरंतर ग्रोथ:
वर्ष | कुल ऑर्डर बुक | डोमेस्टिक ऑर्डर | इंटरनेशनल ऑर्डर |
---|---|---|---|
FY15 | ₹13,293 Cr | ₹11,807 Cr | ₹1,486 Cr |
FY16 | ₹17,569 Cr | ₹14,900+ Cr | – |
FY17 | ₹18,878 Cr | ₹16,460 Cr | – |
FY18 | ₹22,407 Cr | – | – |
FY19 | ₹28,224 Cr | ₹26,708 Cr | ₹1,516 Cr |
FY20 | ₹30,713 Cr | ₹29,182 (Railway) | ₹1,531 (Highway) |
FY21 | ₹34,689 Cr | – | – |
FY22 | ₹43,758 Cr | ₹33,611 (Rail) + ₹7,312 (Highway) + ₹1,971 (Others) | ₹2,975 Cr |
FY23 से FY25 – ऑर्डर बुक में गिरावट:
वर्ष | कुल ऑर्डर बुक | Railways | Highways | Others |
---|---|---|---|---|
FY23 | ₹35,195 Cr | ₹26,243 Cr (74.5%) | ₹6,985 Cr (19.9%) | ₹1,967 Cr |
FY24 | ₹27,208 Cr | ₹21,158 Cr (77.8%) | ₹5,964 Cr (21.9%) | ₹86 Cr |
FY25 | ₹20,347 Cr | ₹15,435 Cr (76%) | ₹4,541 Cr (22%) | ₹371 Cr |
विदेशी प्रोजेक्ट्स में गिरावट:
FY15 से FY22 तक इंटरनेशनल ऑर्डर्स स्थिर रूप से ₹1,400 Cr से ₹2,975 Cr के बीच रहे, लेकिन FY23 से इनकी हिस्सेदारी में गिरावट आई। FY25 में यह घटकर ₹2,206 Cr रह गया, जो FY22 के मुकाबले 26% की गिरावट दर्शाता है।
ऑर्डर बुक में गिरावट की वजह:
- Cost-Plus प्रोजेक्ट्स की Completion
- नई बिडिंग रणनीति (Margin पर फोकस)
- High-Speed Rail और Solar Projects में cautious एंट्री
- Selective और Conservative Tendering Approach
2022 में मैनेजमेंट ने साफ कहा था कि कंपनी अब Margin बढ़ाने पर फोकस कर रही है, न कि Aggressive बिडिंग पर।
Q4 FY25 Financial Performance:
- Revenue from Operations: ₹3,412 Cr ↓ (FY24 Q4: ₹3,787 Cr) – 10% की गिरावट
- Net Profit: ₹212 Cr ↓ (FY24 Q4: ₹247 Cr) – 14% की गिरावट
- 3-Year CAGR (FY22–FY25):
- Revenue: 13%+
- Net Profit: 7%+
निष्कर्ष:
Ircon International की ऑर्डर बुक में तेज गिरावट जरूर चिंता की बात है, लेकिन इसका एक कारण कंपनी की बदली हुई रणनीति भी है। कंपनी अब बड़े और High Margin प्रोजेक्ट्स पर ध्यान दे रही है और Over-Bidding से बच रही है। Highways और Other Infra सेगमेंट में हिस्सेदारी बढ़ने से Project Mix अधिक Balanced बनता जा रहा है।
हालांकि, निवेशकों को इस गिरते ऑर्डर बुक के ट्रेंड पर नजर बनाए रखनी चाहिए, खासकर जब कंपनी Railway Ministry के तहत एक Navratna PSU है।
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