घर संपत्ति या दायित्व: एक सच्ची घटना से समझिए 2024

घर संपत्ति या दायित्व: आज के इस ब्लॉग में मैं आपको एक ऐसी सच्ची घटना के बारे में बताने वाला हूँ जिसके बारे में सुन कर आप आश्चर्य में पड़ जाएंगे. ऐसा भी हो सकता है कि आप खुद को इस घटना से जोड़ पाए lआप देखेंगे कि कैसे एक अमीर आदमी जो पुराने समय में घर को संपत्ति मानने की भूल कर बैठा था बाद में चल कर उसे अपने जीवन में कठोर संघर्षो का सामना करना पड़ रहा है l

दोस्तों दरअसल यह कहानी या यूं कह ले कि घटना मेरे विश्व विद्यालय के समय के मित्र(वर्ष-2002 से) अरविंद जी ने साझा की है इसलिए इस घटना को मैं बिना तोड़े-मडोरे उन्हीं के शब्दों में आपके सामने इस अपेक्षा के साथ रख रहा हूँ कि आपका प्यार इस ब्लॉग/पोस्ट को प्राप्त होगा l

दोस्तों आज आप लोगों के बीच एक सच्ची तथा बेहद रोचक घटना को साझा कर रहा हूं ।इस घटना से हम सभी निवेशक साथियों को बहुत कुछ सीखने को मिलेगा ।मेरा गृह जनपद उत्तर-प्रदेश का एक जिला सिद्धार्थनगर है।मेरा घर, सिद्धार्थनगर के एक छोटे से गांव रंगरेज पुर में है।

मेरे घर से लगभग 10 किलोमीटर की दूरी पर एक छोटा सा कस्बा डुमरियागंज है;जो हमारा तहसील मुख्यालय भी है ।मैं इस कस्बे में बने हुए एक आलीशान बंगले की सच्ची घटना से आप लोगों का परिचय करा रहा हूं ।दोस्तों यह बंगला किशोरावस्था में मुझे बहुत आकर्षित करता था l हाई स्कूल के दिनों में जब मैं घर से ट्यूशन पढ़ने के लिए प्रतिदिन साइकिल चलाकर डुमरियागंज जाता था तो यह बांग्ला रास्ते में ही पड़ता  था ,जो कि मुझे बहुत आकर्षित करता था।

मैं हमेशा यह सोचता रहता था कि एक दिन मैं भी ऐसा ही आलीशान बंग्ला बनवाऊंगा यह बात वर्ष 1998 की जब मैंने अपनी हाईस्कूल की परीक्षा पास की थी ।परंतु वर्ष 2014 में एक  पुस्तक  “रिच डैड पुअर डैड” जिसके लेखक का नाम रॉबर्ट टी. कियोसाकी है, को पढ़ा तो मकान के प्रति मेरा नजरिया बिल्कुल बदल गया ।

एक दिन जब मैं अपने गाँव में था, संयोगवस मुझे अपने गाय के लिए भूसे की आवश्यकता पड़ी lगाँव और आस-पास भूसा उपलब्ध नहीं था। किसी हितैषी ने मुझसे बताया कि आप डुमरियागंज चले जाएं वहां पर आपको बहुत अच्छा भूसा मिल जाएगा ।दोस्तों जब मैं भूसा खोजता हुआ डुमरियागंज के उस पते पर पहुंचा तो कुछ देर के लिए हत-प्रभ हो गया क्यूंकि मुझे पता चला कि भूसा उसी बंगले में रखा हुआ है जो बंग्ला हाई स्कूल के दिनों में मेरा ड्रीम प्रोजेक्ट हुआ करता था। मैं बहुत हैरान हुआ फिर मैं बंगले की भीतर गया और मेरी मुलाकात सीधे बंगले के मालिक से होती है l

दोस्तों मेरे मन में बहुत सारे सवाल कौंध रहे थे lबंगले के मालिक से चर्चा परिचर्चा का एक लंबा दौर प्रारंभ हुआ। मैं उस वार्तालाप में भूसा खरीदना तो भूल ही गया l बंगले के मालिक और मैं  उनके निजी जीवन से जुड़े हुए पहलुओं पर विस्तार से चर्चा करने लगे। वह भी मुझसे घुल मिलकर अपने जीवन के उतार-चढ़ाव को खुलकर बताने लगे ।उन्होंने यानि मेरे ड्रीम बंगले के मालिक ने बताया कि वर्ष 1980 में मैंने इस मकान(बंगला) को बनवाया था।

उस समय इस बंगले को बनवाने में 556000(पाँच लाख छप्पन हज़ार) ईंटे लगी थी ।इससे आप इस बंगले की विशालता का अंदाजा सहजता पूर्वक लगा सकते  है। दरवाजे और खिड़कियां बंबई (आज कल मुंबई) से मंगवाई गई थी तथा मुंबई के विशेष कारीगरों द्वारा इसकी नक्काशी कराई गई थी। उस समय यह मकान 1500000(पंद्रह लाख) रुपए की लागत से बनकर तैयार हुआ था। आप 1980 में 15लाख रुपए की कीमत का अनुमान तो लगा ही सकते हैऔर आज उस आलीशान बंगले के मालिक उस बंगले में भूसा भरकर बेच रहें है।

मुझे उस व्यक्ति की परिस्थिति पर कुछ नहीं कहना है परंतु इस सम्पूर्ण घटना के विश्लेषण से मैंने यह पाया कि’ ”रिच डैड पुअर डैड’ पुस्तक के लेखक रॉबर्ट टी. कियोसाकी एक बार पुनः सही साबित हुए कि मकान हमारा सबसे बड़ा दायित्व होता है ना कि संपत्ति जब आप उनकी पुस्तक पढ़ेंगे तो आप और विस्तार से संपत्ति और दायित्व में अंतर करना सीख पाएंगे।लेकिन दुर्भाग्य से मकान लेते समय या बनवाते समय हम लोग सामान्य उसको संपत्ति मानने का भूल कर बैठते हैं।

दोस्तों मेरा मनना है कि लंबे समय तक अमीर बने रहने के लिए पैसे के प्रति आपका दृष्टिकोण सबसे महत्वपूर्ण है।यदि धन के प्रति आपका दृष्टिकोण सही नहीं है तो हो सकता है कि आप अपने जीवन में कुछ समय के लिए अमीर हो जाएं परंतु कुछ ही दिन बाद अपना पैसा गवा देंगे और गरीबी में जीवन जीने के लिए बाध्य हो जाएंगे ।जिसका वर्णन “सीक्रेट ऑफ द मिलियनेयर माइंड” पुस्तक में  टी. हार्व एकर ने किया है।

दोस्तों, यदि आपको यह लेख पसंद आया है तो कृपया इस पोस्ट को कई सार्वजनिक प्लेटफार्मों पर साझा करें ताकि कई और लोग लाभान्वित हो सकें और घर संपत्ति नहीं दायित्व है इस कान्सैप्ट को समझ सकें !!!

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1 thought on “घर संपत्ति या दायित्व: एक सच्ची घटना से समझिए 2024”

  1. बहुत अच्छा उदाहरण देकर आपने बहुत अच्छी जानकारी साझा की।

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