भारतीय ऑटोमोबाइल सेक्टर की दिग्गज कंपनी Tata Motors के शेयरधारकों के लिए पिछले एक साल का सफर किसी बुरे सपने से कम नहीं रहा। जहां एक तरफ बाजार में रिकवरी के संकेत दिख रहे हैं, वहीं Tata Motors का स्टॉक प्राइस ₹1100 से गिरकर आज ₹664.60 पर ट्रेड कर रहा है। यह गिरावट करीब 40% की है, जो रिटेल निवेशकों को निराशा की गहरी खाई में धकेल रही है। COVID के बाद ₹65 से ऊपर चढ़कर ₹1100 तक पहुंचने वाली यह कंपनी अब क्यों पिछड़ रही है?
क्या JLR की कमजोरी, EV मार्केट में बढ़ती प्रतिस्पर्धा या डीमर्जर की अफवाहें इसके पीछे हैं? इस आर्टिकल में हम विस्तार से जानेंगे Tata Motors share price fall की असली वजहें, फाइनेंशियल एनालिसिस और फ्यूचर आउटलुक। अगर आप Tata Motors stock में निवेश की सोच रहे हैं, तो यह पढ़ना न भूलें!
Tata Motors Share Price Fall: पिछले साल की कहानी और आज की हकीकत
Tata Motors, जो Tata Group की प्रमुख कंपनी है, ने पोस्ट-COVID दौर में शानदार ग्रोथ दिखाई थी। 2020 में ₹65 पर ट्रेड करने वाला स्टॉक 2024 तक ₹1100 से ऊपर पहुंच गया। लेकिन अगस्त 2024 से अगस्त 2025 तक यह 40% से ज्यादा गिरा। आज 15 अगस्त 2025 को स्टॉक प्राइस ₹664.60 है, जो कल के मुकाबले 0.13% ऊपर है, लेकिन साप्ताहिक रिटर्न 2.8% पॉजिटिव होने के बावजूद लॉन्ग-टर्म ट्रेंड नेगेटिव है। बाजार विशेषज्ञों का कहना है कि यह गिरावट सिर्फ मार्केट वोलेटिलिटी नहीं, बल्कि कंपनी के इंटरनल चैलेंजेस से जुड़ी है। Revenue mix में JLR का 70% से ज्यादा हिस्सा होना और अन्य सेगमेंट्स में स्टैग्नेशन प्रमुख वजहें हैं।
JLR की कमजोरी: Tata Motors Revenue का सबसे बड़ा बोझ?
Tata Motors का नाम सुनते ही दिमाग में भारतीय गाड़ियां आती हैं, लेकिन सच्चाई यह है कि कंपनी का 71% Revenue Jaguar Land Rover (JLR) से आता है। Commercial Vehicles से 17% और Passenger Vehicles से सिर्फ 11%। JLR, जो UK-बेस्ड लक्जरी ब्रैंड है, ने FY25 में मजबूत परफॉर्मेंस दिखाई थी, जहां Revenue £29.0 बिलियन पहुंचा। लेकिन Q1 FY26 (अप्रैल-जून 2025) में Wholesale और Retail Sales में 11% की गिरावट आई। US टैरिफ्स की वजह से एक्सपोर्ट रुक गए, चीन में सेल्स पिछले चार साल से स्टैग्नेंट हैं, और Jaguar की सेल्स 72% गिरकर सिर्फ 2,339 यूनिट्स रह गईं।
पिछले पांच सालों में JLR का Revenue CAGR सिर्फ 5% रहा (2020 में ₹8,000 करोड़ से 2025 में ₹34,000 करोड़)। Jaguar की Rebranding के चलते पुराने मॉडल्स का प्रोडक्शन 12 महीने रोका गया, जिससे Inventory क्लियरेंस मुश्किल हो गया। नई EV-फोकस्ड Jaguar नवंबर 2025 से असर दिखाएगी, लेकिन फिलहाल यह Tata Motors stock fall की मुख्य वजह बनी हुई है। अगर JLR को डीमर्ज किया जाए, तो कंपनी की ग्रोथ रिवाइव हो सकती है, जैसा कि कुछ एनालिस्ट सुझा रहे हैं।
Commercial Vehicles सेगमेंट: ग्रोथ रुक गई, Competition बढ़ गई
Tata Motors का Commercial Vehicles (CV) बिजनेस 2020 से 2023 तक डबल हो गया था, Revenue ₹36,000 करोड़ से ₹75,000 करोड़ पहुंचा। लेकिन पिछले 12 क्वार्टर्स से ग्रोथ फ्लैट है। जून 2025 में Unit Sales 5% गिरकर 30,238 यूनिट्स रह गईं। जुलाई 2025 में Domestic Sales 6% गिरकर 65,953 यूनिट्स पर आ गईं। आर्थिक सुस्ती, हाई इंटरेस्ट रेट्स और फ्यूल कॉस्ट्स ने डिमांड घटाई। Mahindra ने कई सब-सेगमेंट्स में Tata को पीछे छोड़ दिया।
अच्छी खबर यह है कि CV बिजनेस का Demerger 1 अक्टूबर 2025 से प्रभावी होगा, जो CV को अलग कंपनी (Tata Motors Commercial Vehicles Ltd.) बना देगा। शेयरधारकों को 1:1 रेशियो में शेयर्स मिलेंगे। लेकिन कंपनी IVECO के CV बिजनेस को ₹38,000 करोड़ में खरीदने की प्लानिंग कर रही है, जो मौजूदा ₹71,000 करोड़ Debt को बढ़ाएगा। क्या यह स्ट्रैटेजी सही है? विशेषज्ञों में बहस छिड़ी हुई है।
Passenger Vehicles और EV मार्केट: Dominance खो रही है Tata?
Passenger Vehicles (PV) सेगमेंट, जिसमें Nexon जैसी कारें शामिल हैं, पांच साल में पांच गुना बढ़ा था। लेकिन Q1 FY26 में Revenue 10% QoQ गिरा, Market Share Mahindra से पीछे हो गया। EV में Tata की 67% Dominance 2024 में थी, जो 2025 में 38% रह गई। Mahindra की EV Sales अप्रैल 2025 में 348% बढ़कर 3,000 यूनिट्स हो गईं। जून 2025 में Tata ने 4,708 EV यूनिट्स बेचीं, लेकिन Tesla और MG Motor जैसी कंपनियां चुनौती दे रही हैं।
नए लॉन्च जैसे Curvv EV और दो फुल-साइज SUV EVs पर ₹35,000 करोड़ इन्वेस्टमेंट से 50% EV Share वापस पाने की कोशिश है। लेकिन हाई बेस इफेक्ट, इन्फ्लेशन और Hybrid वाहनों की बढ़ती डिमांड ने सेल्स प्रभावित की। जुलाई 2025 में PV Sales भी गिरावट में रहीं।
फाइनेंशियल स्ट्रेन और स्ट्रैटेजिक मिसस्टेप्स: Debt और Margins पर दबाव
Q1 FY26 में Consolidated Revenue ₹104,407 करोड़ रहा, EBITDA Margin 9.2% पर गिरा। PBT ₹5,617 करोड़ था, लेकिन Q4 FY25 में Net Profit 51% गिरकर ₹8,470 करोड़ रहा। Debt ₹71,000 करोड़ मैनेजेबल है, लेकिन IVECO एक्विजिशन से बढ़ सकता है। 10 सालों में Stock CAGR 5% और पांच साल में 11% रहा, जो मॉडेस्ट है। Demerger से Value Unlock हो सकता है, लेकिन शॉर्ट-टर्म अनिश्चितता बनी हुई है।
फ्यूचर आउटलुक: Recovery की उम्मीद या और गिरावट?
कुछ एनालिस्ट्स का मानना है कि मौजूदा लेवल पर Tata Motors stock 17% Discount पर है, Demerger कैटलिस्ट बनेगा। EV Investments और JLR की Electrification (जैसे Electric Range Rover) से रिबाउंड संभव है। हालिया न्यूज में Tata Motors South Africa में 19 अगस्त 2025 को Re-Entry कर रही है, Tiago और Punch जैसे मॉडल्स लॉन्च होंगे। Kerala में नए CV लॉन्च और Harrier-Safari के नए वेरिएंट्स (₹18.99 लाख से शुरू) पॉजिटिव हैं।
लेकिन रिस्क्स जैसे Global Recession, Competition और Execution Challenges बाकी हैं। अगर JLR डेमर्ज होता है, तो ग्रोथ 15% सालाना तक पहुंच सकती है। निवेशकों को सावधानी बरतनी चाहिए – यह ‘Buy the Dip’ का मौका हो सकता है, लेकिन रिसर्च जरूरी!
Tata Motors share price fall की यह कहानी कंपनी के स्ट्रक्चरल इश्यूज को उजागर करती है। क्या कंपनी उबर पाएगी? कमेंट्स में अपनी राय शेयर करें।
Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारी केवल शैक्षिक और सूचना के उद्देश्य से है। शेयर बाजार में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है। निवेश करने से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से परामर्श लें। इस लेख में दी गई किसी भी जानकारी पर आधारित निवेश निर्णय के लिए लेखक या वेबसाइट जिम्मेदार नहीं होगा।
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