40-30-20-10 Magic Rule: अगर आपकी भी सैलरी महीने के पहले ही हफ्ते में खत्म हो जाती है और आप सोचते हैं कि बचत कैसे करें, तो ये मैजिकल बजटिंग फॉर्मूला आपकी ज़िंदगी बदल सकता है। फाइनेंशियल एक्सपर्ट और The Richness Academy के फाउंडर Tarun Bhatia का ’40-30-20-10′ रूल बताता है कि कैसे एक आम सैलरीड व्यक्ति अपनी इनकम को चार हिस्सों में बांटकर न सिर्फ महीने भर पैसों की तंगी से बच सकता है, बल्कि सेविंग और ग्रोथ दोनों हासिल कर सकता है।
1. 40% इनकम – ज़रूरी घरेलू खर्चों के लिए
आपकी कुल सैलरी का 40% हिस्सा सिर्फ जरूरी expenses के लिए होना चाहिए –
इसमें ये खर्च शामिल हैं:
- किराना और किचन आइटम्स
- बिजली, पानी, गैस, मोबाइल और इंटरनेट बिल
- ट्रांसपोर्ट और दवाइयां जैसी जरूरी हेल्थ जरूरतें
यह हिस्सा Non-Negotiable होता है, यानी इसमें कटौती करना मुश्किल होता है। कुछ मामलों में यह हिस्सा 50-60% तक भी हो सकता है, खासकर जब इनकम कम हो या परिवार बड़ा हो।
2. 30% इनकम – Lifestyle खर्चों के लिए
30% हिस्सा लाइफस्टाइल और इच्छाओं के लिए होना चाहिए:
- रेस्टोरेंट या बाहर खाना
- Netflix, OTT, Online Subscriptions
- Weekend Trips, Gym Membership, Hobbies
अगर बच्चों की फीस या पैरेंट्स को सपोर्ट करना है, तो इन्हें भी इसी कैटेगरी में प्लान करें।
भविष्य में इस हिस्से को 20-25% तक घटाने की कोशिश करें, ताकि सेविंग बढ़ाई जा सके।
3. 20% इनकम – बचत और कर्ज चुकाने के लिए
यह हिस्सा आपकी Financial Security की रीढ़ है:
- Emergency Fund बनाएं (6-12 महीने का खर्च)
- SIP, NPS, PPF जैसे Instruments में निवेश करें
- Retirement Planning और बच्चों की पढ़ाई के लिए Long-Term Investment
- घर खरीदने की Down Payment भी इसी से करें
EMI का टोटल आपकी सैलरी का 20-30% से ज्यादा नहीं होना चाहिए।
4. 10% इनकम – दान और Self-Care के लिए
इसका बंटवारा दो हिस्सों में करें:
- 5% दान (Charity): मंदिर, NGO, बच्चों की पढ़ाई, या ज़रूरतमंद रिश्तेदारों के लिए
- 5% Self-Care: Spa, Facials, Mindfulness, Reward Celebrations
ये हिस्सा आपके Mental Peace और Self-Worth को Balance करता है।
कम सैलरी वालों के लिए क्या करें?
अगर आपकी सैलरी ₹20,000 के आसपास है, तो Tarun Bhatia 80-20 रूल अपनाने की सलाह देते हैं:
- 80% खर्च, 20% सेविंग
- बड़ी Cities (जैसे Delhi-NCR) में ₹1 लाख तक की सैलरी होने पर ये रूल पूरी तरह लागू हो सकता है
- छोटे शहरों (Tier 2-3) में ₹50,000 की सैलरी वाले लोग इस रूल को आंशिक रूप से अपना सकते हैं
निष्कर्ष
आज के महंगाई भरे दौर में सैलरी का मैनेजमेंट सिर्फ ज़रूरत नहीं, जीवनशैली की कला है। ’40-30-20-10′ रूल अपनाइए, और हर महीने पैसे खत्म होने की चिंता को अलविदा कहिए!

नमस्कार दोस्तों, मेरा नाम वरुण सिंह है, मैं अपने खाली समय में यू ट्यूब पर फाइनेंस संबंधी वीडियो अपलोड करता हूं साथ ही ब्लॉगिंग भी कर रहा हूं। जो भी चीजें मैं व्यक्तिगत अनुभव से सीखता हूं उसको भी इस वेबसाइट के माध्यम से शेयर करने का प्रयास करता हूं। हमारी कोशिश है की हम अपने पाठकों के लिए उच्च गुणवत्ता से युक्त आर्टिकल प्रकाशित करें।